Patiala Heart Institute

पटियाला हार्ट इंस्टीट्यूट ने 'हार्ट टीम एप्रोच' की महत्ता पर डाला जोर!

पटियाला हार्ट इंस्टीट्यूट ने ‘हार्ट टीम एप्रोच’ की महत्ता पर डाला जोर!

पटियाला, 27 सितंबर 2024: पटियाला हार्ट इंस्टीट्यूट और मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल ने शुक्रवार को कार्डियक देखभाल में ‘हार्ट टीम एप्रोच’ के महत्व को रेखांकित किया। यह एप्रोच टीम वर्क और विशेषज्ञता का संगम है, जिसका उद्देश्य हृदय रोगों के इलाज में बेहतरीन परिणाम प्राप्त करना है। इस अवसर पर अस्पताल के एमडी और चीफ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. जी. एस. सिद्धू ने कहा कि उनके अस्पताल में चौबीसों घंटे अत्याधुनिक हृदय उपचार की सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों को एक ही छत के नीचे सर्वश्रेष्ठ उपचार मिलता है।

अस्पताल की टीम में कई अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ और कार्डियक सर्जन शामिल हैं, जो पंजाब के मालवा क्षेत्र में सबसे बड़ी टीम मानी जाती है। डॉ. जी.एस. सिद्धू ने बताया कि उनकी टीम के पास जटिल कार्डियक मामलों में विशेषज्ञता है, और वे उच्च गुणवत्ता वाली, अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में ‘डोर-टू-बैलून’ समय पर विशेष ध्यान दिया जाता है, ताकि मरीजों को समय पर उचित उपचार मिल सके।

‘डोर-टू-बैलून’ समय को समझाते हुए डॉ. सिद्धू ने कहा कि यह वह समय होता है जब मरीज अस्पताल में आता है और जब तक एंजियोप्लास्टी शुरू होती है। इसका आदर्श समय 90 मिनट से कम होना चाहिए, ताकि दिल के दौरे से हृदय की मांसपेशियों को नुकसान कम हो और मरीज की जान बचाई जा सके।

अस्पताल की इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट टीम में डॉ. सिमरजोत सिंह सरीन, डॉ. बिरदेविंदर सिंह, डॉ. गुरदर्शन सिंह और डॉ. बिस्वजीत महाराणा जैसे विशेषज्ञ शामिल हैं। ये सभी विशेषज्ञ हृदय के दौरे के बाद एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया में दक्ष हैं, जिससे मरीजों को तेजी से इलाज और राहत मिलती है।

कार्डियक केयर में टीम वर्क के महत्व पर जोर देते हुए कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जन डॉ. सुरिंदर पाल सिंह बग्गा ने कहा कि दिल के दौरे के दौरान मरीज की जान बचाने के लिए टीम वर्क अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। एक व्यक्ति के बजाय पूरी टीम का सही समन्वय ही जीवन रक्षक साबित हो सकता है।

भारत में हृदय रोग का बढ़ता खतरा खासकर मधुमेह के कारण और अधिक खतरनाक हो गया है। डॉ. सिद्धू ने बताया कि दिल के दौरे के लक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाना बहुत जरूरी है। सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, मतली, और शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द इसके मुख्य संकेत हो सकते हैं, जिनकी जानकारी समाज को होनी चाहिए।

हृदय रोग का केवल स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि परिवार और समाज की आर्थिक स्थिति पर भी व्यापक असर पड़ता है। डॉ. सिद्धू ने कहा कि जब किसी युवा परिवार के सदस्य को दिल का दौरा पड़ता है, तो उससे न सिर्फ परिवार की आय प्रभावित होती है, बल्कि उनके जीवन स्तर पर भी गहरा असर पड़ता है।

रोकथाम को हृदय रोगों से बचने का सबसे बेहतर तरीका मानते हुए डॉ. सिद्धू ने नियमित स्वास्थ्य जांच कराने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि समय रहते हृदय रोगों का पता लगने से न सिर्फ बीमारी से बचा जा सकता है, बल्कि जीवन को भी बचाया जा सकता है।

मेडिकल डायरेक्टर डॉ. एम.जे. जयकांत ने भी ‘हार्ट टीम एप्रोच’ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह रणनीति बेहतर परिणामों के लिए अत्यधिक प्रभावी साबित होती है। उन्होंने टीम के सभी सदस्यों के योगदान को सराहा।

इस अवसर पर चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर दिलशाद सिंह सिद्धू ने कहा कि पटियाला हार्ट इंस्टीट्यूट की टीम इस क्षेत्र में सबसे अनुभवी है और वे अपने मरीजों को बेहतरीन कार्डियक केयर देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।