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GST के जाल में फंसे लोहा स्क्रैप डीलर: सरकार से राहत की उम्मीद!

GST में सुधार की मांग: मंडी गोबिंदगढ़ के डीलरों की आवाज़!

जीएसटी दरों में संभावित कटौती

स्टील स्क्रैप पर जीएसटी दरों में संभावित कटौती की खबरें बाजार में सुर्खियों में हैं। सूत्रों के अनुसार, जीएसटी काउंसिल को एक गड़ित सब कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें इस मुद्दे पर सुझाव दिए गए हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, स्टील स्क्रैप पर जीएसटी की दरों को घटाकर 12% करने या रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (RCM) पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, आयरन स्क्रैप ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन की मंडी गोबिंदगढ़ शाखा ने इस रिपोर्ट पर असंतोष जताते हुए इसे व्यापारियों के लिए अपर्याप्त बताया है।

जीएसटी पोर्टल की खामियां

एसोसिएशन का आरोप है कि जीएसटी पोर्टल में कई खामियां हैं, जिनके कारण व्यापारी और विभाग दोनों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। माल बेचने वाले व्यापारी द्वारा भरी गई रिटर्न को विभाग नहीं मानता, और माल खरीदने वाले व्यापारी को इसके लिए दोषी ठहराया जाता है। इसके चलते माल खरीदने वाले व्यापारी को नोटिस मिलता है, जबकि वह सिर्फ विभाग के पोर्टल पर फाइल की गई रिटर्न को ही देख सकता है। इससे साफ है कि विभाग के सिस्टम में सुधार की जरूरत है, ताकि निर्दोष व्यापारियों को परेशान न किया जाए।

फर्म कैंसिलेशन और सस्पेंशन की समस्याएं

जब जीएसटी विभाग द्वारा किसी व्यापारी की फर्म को कैंसल या सस्पेंड किया जाता है, तो इससे व्यापारियों को काफी परेशानी होती है। एसोसिएशन का कहना है कि विभाग को फर्म की कैंसिलेशन की तिथि को करंट डेट में ही अपडेट करना चाहिए, ताकि पुराने मामलों में व्यापारियों को अनावश्यक रूप से परेशान न होना पड़े। इससे विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा और व्यापारियों को भी राहत मिलेगी।

जीएसटी चोरी रोकने के उपाय

आयरन स्क्रैप ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने सुझाव दिया है कि जिस तरह सेंट्रल कस्टम और एक्साइज विभाग के नियमों के अनुसार माल बेचने से पहले व्यापारी के पीएलए खाते में बैलेंस होना चाहिए था, उसी तरह का नियम जीएसटी विभाग में भी लागू किया जाए। इससे जीएसटी चोरी पर रोक लगाई जा सकेगी और सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। इसके अलावा, यह पालिसी व्यापारियों को अनावश्यक परेशानियों से भी बचाएगी।

स्क्रैप पर जीएसटी की दरों में कमी का प्रभाव

एसोसिएशन का मानना है कि स्क्रैप पर जीएसटी दरों में कमी से व्यापारियों की समस्याओं का समाधान नहीं होगा, और न ही इससे चोरी रुकेगी। उन्होंने सुझाव दिया है कि स्क्रैप पर जीरो प्रतिशत जीएसटी लगाया जाए, क्योंकि सेकंडरी स्टील स्क्रैप पहले से ही टैक्स पेड होता है। उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि टैक्स की जो भी दरें लागू की जाएं, उन्हें मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज से लिया जाए, जो इसके लिए तैयार हैं। इससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा और व्यापारियों को भी राहत मिलेगी।