झारखंड में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, जब झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को इंडिया अलायंस विधायक दल का नेता चुना गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और राजद नेता सत्यानंद भोक्ता के साथ हेमंत सोरेन राजभवन जाएंगे। राज्यपाल सीवी राधाकृष्णन ने इंडी गठबंधन के नेताओं को आज दोपहर साढ़े 12 बजे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कल राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिससे राज्य में राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति पैदा हो गई थी। इसके तुरंत बाद, हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और गठबंधन के सभी विधायकों ने एक मत से उन्हें अपना नेता चुना। यह निर्णय बदलते सियासी समीकरणों का परिणाम है, जिसने झारखंड की राजनीति में एक नई दिशा की ओर इशारा किया है।
इंडिया अलायंस की विधायक दल की बैठक में चंपई सोरेन ने पहले अपने इस्तीफे की पेशकश की और फिर हेमंत सोरेन को विधायक दल के नेता और राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तावित किया। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया, जिससे हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया। चंपई सोरेन ने नई भूमिका में समन्वय समिति के चेयरमैन का पद संभाला है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बदलाव से राज्य में नई ऊर्जा और नई दिशा मिलेगी। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में, गठबंधन सरकार से विकास और जनहित के कार्यों को नई गति मिलने की उम्मीद है। राजभवन में आज की बैठक के बाद, संभावना है कि हेमंत सोरेन जल्द ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और अपनी नई टीम के साथ काम शुरू करेंगे।
अभी तक औपचारिक रूप से इंडिया अलायंस की ओर से नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है, लेकिन राजनीतिक घटनाक्रमों से यह स्पष्ट हो गया है कि हेमंत सोरेन की वापसी लगभग तय है। राज्य की जनता और राजनीतिक विश्लेषक दोनों ही इस बदलाव को झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ मान रहे हैं। हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने से राज्य में विकास और स्थिरता की नई उम्मीदें जागृत हो गई हैं।
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