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महिलाओं में धूम्रपान की बढ़ती प्रवृत्ति और इसका स्वास्थ्य पर प्रभाव!

महिलाओं में धूम्रपान की बढ़ती प्रवृत्ति और इसका स्वास्थ्य पर प्रभाव!

धूम्रपान का प्रचलन कई वर्षों से मुख्य रूप से पुरुषों के साथ जुड़ा रहा है, लेकिन हाल के दशकों में महिलाओं में धूम्रपान की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में कार्डियोलॉजी के एडिशनल डायरेक्टर, डॉ. अरुण कोचर के अनुसार, यह बदलाव महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे पैदा कर रहा है। विशेष रूप से हृदय संबंधी बीमारियों में वृद्धि देखी गई है, जिसका एक बड़ा कारण महिलाओं में बढ़ता हुआ धूम्रपान है। यह चिंताजनक प्रवृत्ति आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी बोझ डाल सकती है।

डॉ. कोचर बताते हैं कि धूम्रपान महिलाओं के स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव डालता है, और दिल से संबंधित बीमारियों पर इसका असर विशेष रूप से चिंताजनक है। पुरुषों की तुलना में, महिलाओं के दिल के स्वास्थ्य पर धूम्रपान का अधिक गंभीर प्रभाव पड़ता है। यह स्थिति महिलाओं में हृदय रोगों की उच्च दर और मृत्यु दर का कारण बन रही है। पुरुषों की तुलना में महिलाएं, खासकर जो कम उम्र में धूम्रपान शुरू करती हैं, इन बीमारियों से अधिक प्रभावित हो रही हैं, और यह बढ़ता खतरा समाज के लिए गंभीर संदेश है।

महिलाओं में हृदय रोगों की कम दर का एक कारण उनकी उच्च एस्ट्रोजन स्तर होता है, जो उन्हें हृदय रोगों से प्राकृतिक रूप से सुरक्षा प्रदान करता है। लेकिन धूम्रपान इस सुरक्षात्मक प्रभाव को कमजोर कर देता है। कम उम्र में धूम्रपान शुरू करने वाली महिलाओं और जो भारी मात्रा में धूम्रपान करती हैं, उन्हें हृदय रोगों का अधिक खतरा होता है। इसके अलावा, जितनी अधिक मात्रा में और जितनी लंबी अवधि तक धूम्रपान किया जाता है, उतना ही अधिक जोखिम बढ़ता है। यह समस्या गंभीर है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रभावी उपायों की बात करें तो डॉ. कोचर बताते हैं कि इसमें बिहेवियरल इंटरवेंशन्स, औषधीय उपचार और वैकल्पिक तरीकों का संयोजन सबसे अधिक कारगर सिद्ध हो सकता है। महिलाओं को धूम्रपान छोड़ने के लिए व्यक्तिगत या समूह परामर्श से मदद मिल सकती है। साथ ही, निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी (NRT) जैसे उपचार, जो गम, पैच, इनहेलर या माउथ स्प्रे के रूप में उपलब्ध हैं, भी सहायता कर सकते हैं। इसके अलावा, ब्यूप्रोपियन और वैरेनिकलाइन जैसी प्रिस्क्रिप्शन दवाएँ भी धूम्रपान छोड़ने में सहायक हो सकती हैं।

धूम्रपान छोड़ने के दौरान महिलाओं को हार्मोनल उतार-चढ़ाव और वजन बढ़ने जैसी चिंताओं का भी ध्यान रखना चाहिए। इन मुद्दों से निपटने के लिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम आवश्यक हैं। साथ ही, तनाव प्रबंधन तकनीक, योग, ध्यान और सामाजिक समर्थन भी धूम्रपान छोड़ने के प्रयासों में मददगार हो सकते हैं। शोध से पता चलता है कि बिहेवियरल और औषधीय हस्तक्षेपों का संयोजन धूम्रपान छोड़ने की सफलता दर को 50-60% तक बढ़ा सकता है, जिससे महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लाने में महत्वपूर्ण योगदान मिल सकता है।