पैरामिलिट्री जवानों का महत्वपूर्ण योगदान
देश की सुरक्षा और शांति व्यवस्था को बनाए रखने में पैरामिलिट्री जवानों का योगदान अतुलनीय है। संसद की सुरक्षा से लेकर देश की सीमाओं की रक्षा तक, पैरामिलिट्री बलों का महत्वपूर्ण रोल होता है। ये जवान हवाईअड्डों, बंदरगाहों, परमाणु संयंत्रों और वीवीआईपी की सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाते हैं। प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ और भूकंप में राहत कार्यों से लेकर निष्पक्ष चुनावों के आयोजन तक, पैरामिलिट्री जवानों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इसके बावजूद, इनके कल्याण और सुविधाओं के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।
पंजाब में रक्षा सेवा विभाग
पंजाब राज्य में भारतीय सेनाओं के पूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं और विकलांग सैनिकों के कल्याण के लिए डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस सर्विसेज वेलफेयर सक्रिय है। यह विभाग जिला स्तर पर कार्य करता है और राज्य के पूर्व सैनिकों के पुनर्वास में सहायता प्रदान करता है। हालांकि, पैरामिलिट्री जवानों और उनके परिवारों के लिए ऐसा कोई कल्याण बोर्ड नहीं है। इन जवानों के बलिदान को मान्यता देते हुए, एक समर्पित अर्धसैनिक कल्याण बोर्ड की स्थापना की जानी चाहिए, जो उनके कल्याण और पुनर्वास में सहायता कर सके।
अर्धसैनिक कल्याण बोर्ड की आवश्यकता
अर्धसैनिक जवानों के लिए एक कल्याण बोर्ड की स्थापना आवश्यक है, जो राज्य के सेवारत, सेवानिवृत्त और ऑपरेशन्स के दौरान विकलांग हुए जवानों एवं शहीद परिवारों के कल्याण, पेंशन और पुनर्वास का ध्यान रख सके। इस बोर्ड के माध्यम से उन परिवारों को सहायता मिल सकेगी, जिनके सदस्य राष्ट्र की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देते हैं। यह बोर्ड राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच एक सेतु का काम करेगा, जिससे जवानों और उनके परिवारों को सभी आवश्यक सुविधाएं मिल सकेंगी।
अर्धसैनिक झंडा दिवस कोष की स्थापना
अर्धसैनिक झंडा दिवस कोष की स्थापना से अपंग जवानों और शहीद परिवारों के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, जवान बेटियों की शादियां, और बूढ़े माता-पिता के इलाज के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा सकती है। इस कोष में जुटाई गई राशि को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में उपयोग किया जा सकता है। कोष की स्थापना से आम जनता को भी दान देने का अवसर मिलेगा, जिससे ये परिवार आर्थिक रूप से सक्षम हो सकेंगे। यह पहल न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करेगी बल्कि पैरामिलिट्री जवानों के प्रति समाज की जिम्मेदारी का अहसास भी कराएगी।
शिक्षा में रियायत और शहीद सम्मान राशि
पंजाब सरकार को शहीद परिवारों और पुलिस पदक विजेताओं के बच्चों के लिए स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में मुफ्त शिक्षा का प्रावधान करना चाहिए। इसके लिए राज्य के शिक्षण संस्थानों और पैरामिलिट्री बलों के हेडक्वार्टर्स के साथ एमओयू साइन किए जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, अग्निवीर और अन्य शहीद परिवारों को 1 करोड़ रुपये की शहीद सम्मान राशि देने की भी मांग है। इससे शहीद परिवारों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और उनके बलिदान को उचित सम्मान भी। यह पहल स्वतंत्रता दिवस पर अर्धसैनिक जवानों को एक विशेष तोहफा होगी, जिससे उनकी मेहनत और त्याग को सराहा जा सकेगा।
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