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अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वावधान में हिंदी दिवस पर काव्य-संध्या का भव्य आयोजन!

अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वावधान में हिंदी दिवस पर काव्य-संध्या का भव्य आयोजन!

अखिल भारतीय साहित्य परिषद, गाज़ियाबाद के तत्वावधान में 15 सितंबर 2024, रविवार को हिंदी दिवस के अवसर पर एक भव्य काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन अमित्र थिएटर, डी-83, पटेल नगर, गाज़ियाबाद में संपन्न हुआ, जहां कविताओं, दोहों, गीतों और ग़ज़लों के माध्यम से हिंदी भाषा की महत्ता, उसकी उपयोगिता और देश-विदेश में हिंदी की स्थिति पर चर्चा की गई। इस विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य हिंदी के प्रचार-प्रसार पर जोर देना और साहित्य प्रेमियों को एक मंच पर लाकर हिंदी की विविधता और सुंदरता को प्रकट करना था।

कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद सरस्वती वंदना सोनम यादव ने अपनी मधुर आवाज में प्रस्तुत की। श्रोताओं का मन मोहने के साथ ही कार्यक्रम की गरिमा बढ़ गई। इसके बाद बी. एल. बत्रा ‘अमित्र’ और डॉ. (प्रोफेसर) कमलेश संजीदा ने मंच संचालन संभाला और बड़ी ही रोचक शैली में कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। दोनों संचालकों ने न केवल आयोजन की गरिमा बनाए रखी बल्कि श्रोताओं को भी जुड़ा रखा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अरविंद भाटी (महासचिव, उत्तर प्रदेश संस्था), विशिष्ट अतिथि डॉ. चेतन आनंद (महासचिव, मेरठ मंडल) और रमेश प्रसुन्न ने अपने विचार साझा किए। इस दौरान मंच पर उपस्थित साहित्यकारों ने एक के बाद एक बेहतरीन काव्य पाठ किए। मीरा शलभ, संगीता अहलावत, डॉ. मधु श्रीवास्तव, शोभा सचान, निवेदिता शर्मा, अरुण शर्मा सहित कई साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से हिंदी की महिमा को उजागर किया और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

काव्य पाठ के बाद हिंदी के प्रचार-प्रसार और इसकी वैश्विक स्थिति पर एक विशेष परिचर्चा आयोजित की गई। इस परिचर्चा में डॉ. चेतन आनंद और के. पी. सिंह ने विशेष रूप से बताया कि हिंदी को व्यवसायिक स्तर पर कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है। हिंदी के महत्त्व और उसकी व्यावहारिकता पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि जैसे अंग्रेजी ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी जगह बनाई है, वैसे ही हिंदी को भी आगे बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।

अंत में संजय दधीच ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी साहित्य प्रेमियों और अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में शामिल कवियों और कवयित्रियों द्वारा एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने गोष्ठी को सार्थक और सफल बनाया। अमित्र थिएटर में आयोजित यह काव्य गोष्ठी परिचर्चा के साथ संपन्न हुई, जो साहित्य प्रेमियों के लिए यादगार रही।