Poetry

दिल्ली पोएट्री फेस्टिवल: डॉ. साज़ीना ख़ान की कविताओं का जादू

दिल्ली पोएट्री फेस्टिवल: डॉ. साज़ीना ख़ान की कविताओं का जादू!

दिल्ली पोएट्री फेस्टिवल 2024 का मंच इस बार चंडीगढ़ की मशहूर कवयित्री डॉ. साज़ीना ख़ान की भावनात्मक और गहरी रचनाओं से सराबोर हो गया। उनकी नवीनतम कविता संग्रह “थ्रू द डेस्पेयर्स” के जरिए उन्होंने श्रोताओं को मानव भावना के अदृश्य और जटिल पहलुओं से जोड़ा। उनकी कविताओं में संघर्ष, आत्ममंथन, और साहस की ऐसी अनुगूंज सुनाई दी, जिसने श्रोताओं को गहराई तक प्रभावित किया। उनकी रचनाओं में जीवन के हर पहलू—पीड़ा, प्रसन्नता और आत्मिक विजय—का सुंदर चित्रण हुआ।

डॉ. साज़ीना की कविता “फायर ऑफ लाइफ” में निराशा को एक शुद्ध करने वाली अग्नि के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने अपनी कविता में कहा, “क्या यह वही नरक है जो हर सांस को जलाता है, / जहाँ असमानता की लपटें आत्मा को चूमती हैं?” यह कविता पाठकों को संघर्ष के क्षणों से प्रेरणा लेने और जीवन के कठिन दौर से उबरने का संदेश देती है। उनके शब्दों में निराशा से जूझते हुए आत्म-खोज और परिवर्तन की यात्रा का अद्भुत रूपक देखने को मिला।

कविता “एब्जॉर्ब” में डॉ. साज़ीना ने पीड़ा को अपनाने और उसे सहने के लिए आवश्यक आंतरिक शक्ति पर विचार किया। उनकी रचना मानवीय आत्मा की अडिग सहनशक्ति और जटिलताओं को गहराई से उजागर करती है। उन्होंने पीड़ा को एक ऐसा अनुभव बताया, जो अंततः शांति और नए अर्थ खोजने का मार्ग खोलता है। यह कविता दर्द को केवल सहने का नहीं, बल्कि उसे आत्मसात कर उससे शक्ति अर्जित करने का संदेश देती है।

“नो टाउन” कविता में उन्होंने हानि और स्मृतियों से जुड़े दर्द को जीवंत किया। यह कविता उन अनुभवों की झलक पेश करती है, जहां व्यक्ति स्थानों और अपनों से दूर होता है। डॉ. साज़ीना ने अपने छंदों में अतीत और वर्तमान के संबंध को बड़े मार्मिक ढंग से चित्रित किया। उनकी पंक्तियों में एक गहरी तृष्णा और विदाई की पीड़ा समाई है, जो श्रोताओं के दिलों को छू गई।

डॉ. साज़ीना की कविताओं ने यह साबित कर दिया कि साहित्यिक कृतियां सांस्कृतिक और भाषाई सीमाओं को पार करने की क्षमता रखती हैं। उनकी रचनाएं प्राचीन संवेदनाओं को आधुनिक संदर्भों से जोड़ती हैं और जीवन की जटिलताओं को सरलता से व्यक्त करती हैं। “थ्रू द डेस्पेयर्स” संग्रह के जरिए उन्होंने न केवल अपनी पहचान को सशक्त बनाया है, बल्कि यह भी दिखाया कि उनकी कविताएं मानव आत्मा की गहराई और शक्ति को उजागर करती हैं। उनके शब्दों ने श्रोताओं को यह एहसास कराया कि कविता आज भी उतनी ही प्रासंगिक और सशक्त है।