चंडीगढ़, 24 जुलाई 2024 – चिंतपूर्णी मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) के छात्रों और उनके अभिभावकों ने कॉलेज की अव्यवस्थाओं, अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पिछले कई दिनों से मोहाली के मेडिकल शिक्षा भवन के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे छात्र और उनके माता-पिता कॉलेज को बंद कर किसी अन्य संस्थान में समाहित करने की मांग कर रहे हैं।
एक भी डॉक्टर तैयार नहीं, अनियमितताओं का अड्डा
सीएमसी स्टूडेंट्स एंड पेरेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि कॉलेज की स्थापना के 13 वर्षों में यहां से एक भी डॉक्टर तैयार नहीं हुआ। इस कॉलेज ने मेडिकल शिक्षा की एक भी शर्त पूरी नहीं की है। एसोसिएशन के सदस्यों, डॉ. विकास छाबड़ा, डॉ. दीपक जांगड़ा, राकेश गुप्ता, गुरपाल सिंह, प्रभव त्रिवेदी, तमन्ना सिंगला, वरदान छोकर, और चहक छाबड़ा ने कहा कि यहां के प्रबंधन का व्यवहार भी छात्रों के प्रति अपमानजनक और आपत्तिजनक है। छात्रावास में बिजली और पानी की समस्याओं की शिकायत करने पर प्रबंधन के लोग गंदी गालियां देने और मारपीट पर उतारू हो जाते हैं।
शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल
छात्रों का आरोप है कि कॉलेज में एमडी स्तर के शिक्षक नहीं हैं, बल्कि एमएससी स्तर के शिक्षकों से पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। जबकि छात्रों से भारी फीस वसूली जाती है, शिक्षा का स्तर अत्यंत निराशाजनक है। छात्रों ने कहा, “जब हमारी पढ़ाई ही सही ढंग से नहीं करवाई जा रही है, तो हम भविष्य में मेडिकल पेशे में कैसे सफल हो पाएंगे?”
कॉलेज की मान्यता पर सवाल
एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि 150 छात्रों के मेडिकल कॉलेज को चलाने के लिए आवश्यक शर्तें जैसे 600 बेड का हॉस्पिटल, 80% ऑक्यूपेंसी, 1200 मरीजों की ओपीडी, 204 फैकल्टी मेंबर, और नर्सिंग कॉलेज के लिए अलग बिल्डिंग जैसे किसी भी मानक को कॉलेज ने पूरा नहीं किया है। इसके बावजूद, कॉलेज को मान्यता कैसे मिल गई, यह एक बड़ा सवाल है।
सरकार और नेशनल मेडिकल कमीशन की असहायता
सीएमसी के खिलाफ छात्रों और उनके अभिभावकों का गुस्सा इस हद तक है कि वे पंजाब सरकार और नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) को भी असहाय मानते हैं। उनका आरोप है कि ये संस्थान भी कॉलेज की अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।
मांग: छात्रों का अन्य संस्थान में समाहित करना
छात्रों और उनके अभिभावकों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें जल्द से जल्द किसी अन्य संस्थान में समाहित किया जाए, ताकि उनका साल खराब न हो और वे तनाव मुक्त होकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। अभिभावकों ने कहा कि वे छात्रों के रहने-खाने का अतिरिक्त खर्च उठाने के लिए भी तैयार हैं।
रोष प्रदर्शन जारी
मोहाली के मेडिकल शिक्षा भवन के बाहर धरनारत छात्रों और अभिभावकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
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