ब्रिटेन में भारतीय मूल के धार्मिक समाज के मुख्य पुजारी राजिंदर कालिया पर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में उनकी पूर्व शिष्या ने उन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। लंदन उच्च न्यायालय में इस मामले को लेकर लाखों पाउंड का मुकदमा दायर किया गया है। पूर्व भक्तों ने कालिया पर यौन-उत्पीड़न और मनोवैज्ञानिक तरीके से प्रभावित करने का आरोप लगाया है।
राजिंदर कालिया पर अनुयायियों को अनुचित तरीके से प्रभावित करने का आरोप है। 68 वर्षीय कालिया पर आरोप है कि उन्होंने अपने उपदेशों और शिक्षाओं के साथ-साथ ‘चमत्कार’ के कथित प्रदर्शन का उपयोग कर अनुयायियों को प्रभावित किया। इस मामले में सभी दावेदार भारतीय मूल के हैं, जिन्होंने दो साल पहले कानूनी लड़ाई जीती थी, जब एक न्यायाधीश ने मामले को सुनवाई के लिए आगे बढ़ने की अनुमति दी थी।
जून 2022 में जज डिप्टी मास्टर रिचर्ड ग्रिमशॉ ने कहा था कि इस मामले में कई गंभीर मुद्दे हैं जिन्हें सुलझाया जाना है। पिछले हफ्ते रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में जस्टिस मार्टिन स्पेंसर के समक्ष मुकदमा शुरू हुआ, जो अगले हफ्ते खत्म होने की उम्मीद है। आने वाले महीने में फैसले की भी संभावना है।
राजिंदर कालिया ने सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने एक बयान में कहा कि उनके खिलाफ किए जा रहे दावे झूठे और हैरान करने वाले हैं। कालिया की कानूनी टीम ने मामले की लंबी सुनवाई के दौरान कई आधारों पर उन्हें चुनौती देने की तैयारी की है। महिला दावेदारों ने आरोप लगाया है कि मंदिर में पुजारी के कमरे में कई सालों तक उनका यौन शोषण हुआ।
राजिंदर कालिया का जन्म भारत के पंजाब में हुआ था और वह 1977 में ब्रिटेन आया था। 1983 में उन्होंने घर से ही प्रवचन देना शुरू किया और 1986 में बाबा बालक नाथ का ‘मंदिर’ बनवाया। उन्होंने सिद्ध बाबा बालक नाथ जी सोसाइट स्थापित की, जिसके माध्यम से वे अपने अनुयायियों को धार्मिक उपदेश देते थे।
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