वक्फ़ संशोधन बिल के खिलाफ़ रोष

वक्फ़ बिल के विरोध में मुस्लिम समुदाय की ज़िला स्तरीय बैठक, विरोध प्रदर्शन का ऐलान।

वक्फ़ संशोधन बिल के खिलाफ़ रोष

एसएएस नगर मोहाली, 10 अप्रैल 2025

मोहाली ज़िले के गांव कुंभारां, सेक्टर-68 में मुस्लिम समुदाय की ज़िला स्तरीय मीटिंग कल शाम असर की नमाज़ के बाद आयोजित की गई, जो कि शाम 5 बजे से लेकर रात 8 बजे तक चली। इस मीटिंग का मुख्य एजेंडा भारत सरकार द्वारा लागू किए गए वक्फ़ बोर्ड के नए संशोधन (वक्फ़ संशोधन बिल) के खिलाफ बड़े स्तर पर रोष प्रदर्शन करने को लेकर विचार-विमर्श करना था।

इस मीटिंग में ज़िले की विभिन्न मस्जिदों, ईदगाहों, दरगाहों की प्रबंधन कमेटियों के पदाधिकारी, साथ ही विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। मीटिंग के दौरान एक पाँच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया, जिसमें डॉ. अनवर हुसैन सनेटा को ज़िम्मेदार बनाया गया। उनके साथ-साथ सूदागर खान मटौर, सवराती खान भागोमाजरा, अब्दुल्ला खान कुंभारां, शेख वसीम सनेटा और खलील खान सुखगढ़ को अलग-अलग ज़िम्मेदारियाँ सौंपी गईं।

सभी ने सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया कि 11 अप्रैल 2025 को जुमे की नमाज़ के बाद दोपहर 2 बजे एसएएस नगर मोहाली स्थित डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के सामने वक्फ़ संशोधन बिल की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा, और मुख्यमंत्री पंजाब श्री भगवंत सिंह मान से अपील की जाएगी कि इस बिल को पंजाब में लागू न किया जाए — ठीक वैसे ही जैसे झारखंड और बंगाल की सरकारों ने इसे लागू करने से इनकार कर दिया है। उन मुख्यमंत्रियों का दिल से धन्यवाद भी किया गया।

मीटिंग में यह भी तय किया गया कि माननीय डिप्टी कमिश्नर के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को इस बिल को रद्द करने के संबंध में मांग-पत्र सौंपा जाएगा

मुस्लिम समाज की ओर से यह ज़ोरदार अपील की गई कि सभी राजनीतिक और धार्मिक व गैर-धार्मिक संगठन, जो मनुवादी सोच का विरोध करते हैं और आपसी भाईचारे को बनाए रखने में विश्वास रखते हैं, वे इस संघर्ष में हमारा साथ दें। भारत सरकार को यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि मुस्लिम समाज कमज़ोर है। यदि यह फैसला जबरन हम पर थोपा गया, तो केंद्र सरकार को इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।

इस बैठक में ज़िले भर की 30 से 35 कमेटियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रमुख रूप से उपस्थित रहे:

  • डॉ. अवतार मलिक (सदस्य, हज कमेटी, पंजाब सरकार)
  • शेर मोहम्मद मलिक
  • डॉ. अनवर हुसैन (पूर्व सदस्य, मुस्लिम विकास बोर्ड, पंजाब सरकार)
  • हाजी करमदीन (सुखगढ़)
  • हाजी सदीक मलिक (चेयरमैन, कब्रिस्तान बचाओ फ्रंट मोहाली)
  • मंगत खान (ज़िला अध्यक्ष, मुस्लिम वेलफेयर कमेटी/रोज़ा शरीफ कमेटी, मणकपुर शरीफ, ज़िला मोहाली)
  • ख्वाजा खान बूटा (चेयरमैन, ट्राईसिटी मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन)
  • हैप्पी खान सनेटा (मुस्लिम लीडर, शिरोमणि अकाली दल बादल, ज़िला मोहाली)
  • मुस्तफा खान कुंभारां (युवक मुस्लिम नेता)
  • बहादुर खान (प्रधान, मुस्लिम कमेटी कुंभारां)
  • डॉ. बलजीत खान सनेटा
  • एच. हमीद अली (पूर्व प्रधान, मुस्लिम कमेटी सनेटा)
  • मोहम्मद गुफार (प्रधान, मुस्लिम कमेटी रायपुर व भागोमाजरा)
  • बाबा मोहम्मद सलीम सनेटा
  • एडवोकेट हाजी मोहम्मद सलीम (सेक्टर 66, मोहाली)
  • फकीर मोहम्मद सियालबा (सेक्रेटरी)
  • सबराती खान (भागोमाजरा)
  • मोहम्मद असलम (भबात, डेराबस्सी)
  • सदागर खान, मनजीत खान (मटौर)
  • शेख मोहम्मद वसीम सनेटा
  • मोहम्मद तनवीर सनेटा
  • अकबर अली (सिसमां) आदि।

यह मीटिंग मुस्लिम समाज की एकजुटता, अधिकारों की रक्षा और केंद्र सरकार की नीतियों के विरुद्ध लोकतांत्रिक विरोध का प्रतीक बनकर सामने आई।