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आज रिलीज़ हुई पंजाबी फिल्म 'अल्जाइमर': स्टार कास्ट ने की आधिकारिक घोषणा!

OTT पर आज रिलीज: पंजाबी फिल्म ‘अल्जाइमर’ की स्टार कास्ट की बड़ी घोषणा!

पंजाबी फिल्म ‘अल्जाइमर’ का विषय एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर आधारित है। यह फिल्म ‘अल्जाइमर’ नामक बीमारी पर ध्यान केंद्रित करती है, जो डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार है। फिल्म में हीरो की भूतपूर्व और वर्तमान स्थिति को दिखाया गया है, जिससे दर्शक उसकी जिंदगी की यात्रा का अनुभव कर सकते हैं। भूतकाल में हीरो की रोमांटिक लव स्टोरी और वर्तमान में ‘अल्जाइमर’ से जूझते हुए उसकी गृहस्ती की समस्याओं को बड़े ही संवेदनशील तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

फिल्म के मुख्य किरदार को विदेश में एक गैरेज में काम करते हुए दिखाया गया है, जहाँ ‘अल्जाइमर’ बीमारी की शुरुआत होती है। फिल्म में हीरो के जीवन में छोटी-छोटी चीजों को भूलने की प्रक्रिया को दिखाया गया है, जैसे औजारों को रखकर भूल जाना, लोगों की कही बातों को याद न रखना, और घर की चाबी भूल जाना। ये शुरुआती लक्षण धीरे-धीरे हीरो के जीवन में एक बड़ी चुनौती बन जाते हैं। उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ती जाती है और यह बीमारी उसके दिमाग का एक हिस्सा पूरी तरह से खत्म कर देती है।

निर्माता धर्मवीर थांदी ने बताया कि इस फिल्म का उद्देश्य ‘अल्जाइमर’ रोग के प्रति जागरूकता फैलाना है। फिल्म में दिखाया गया है कि यह बीमारी न केवल स्मृति हानि का कारण बनती है, बल्कि जीवन के अन्य पहलुओं पर भी बुरा असर डालती है। उम्र के साथ, इस बीमारी के लक्षण और भी गहरे हो जाते हैं, जिससे चीजों को याद रखने में दिक्कत, बातचीत में कठिनाई, और समस्याओं को सुलझाने में परेशानी होती है। फिल्म इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करती है और इसके बारे में लोगों को जागरूक करने का प्रयास करती है।

फिल्म की कहानी में हीरो के जीवन में इस बीमारी के प्रभाव को दिखाने के साथ-साथ उसके परिवार पर पड़ने वाले प्रभाव को भी गहराई से चित्रित किया गया है। फिल्म के माध्यम से दिखाया गया है कि कैसे ‘अल्जाइमर’ न केवल मरीज को प्रभावित करता है, बल्कि उसके करीबी लोगों के जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित करता है। यह फिल्म दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ने का प्रयास करती है और उन्हें सोचने पर मजबूर करती है कि इस बीमारी से बचाव और उपचार के लिए जागरूकता कितनी जरूरी है।

फिल्म ‘अल्जाइमर’ का उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ समाज में इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाना है। फिल्म की कहानी और किरदारों की प्रस्तुति इस बात की पुष्टि करती है कि यह सिर्फ एक मनोरंजक फिल्म नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश देने वाला प्रयास है। ‘अल्जाइमर’ जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के इस प्रयास को बड़े पर्दे पर लाने के लिए फिल्म की टीम ने एक सराहनीय कदम उठाया है।