महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए आपदा नियंत्रण कक्ष में एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में मुंबई के संरक्षक मंत्री एमपी लोढ़ा, राहत और पुनर्वास मंत्री अनिल पाटिल भी शामिल थे। बैठक में मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि मुंबई में कल रात से 300 मिमी बारिश हुई है, जिससे शहर में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है।
बारिश के पानी को निकालने के लिए 200 पानी के पंपों और 400 बीएमसी पंपों को काम पर लगाया गया है। भारी बारिश के कारण सेंट्रल और हार्बर लाइन पर ट्रेन सेवाएं बाधित हो गई थीं, लेकिन अब ट्रेनें फिर से शुरू हो गई हैं। इसके अलावा, विभिन्न क्षेत्रों में जलभराव के कारण सड़क यातायात भी प्रभावित हुआ है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सेना, नौसेना और वायु सेना को अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
भारी बारिश के कारण मुंबई हवाई अड्डे पर भी उड़ानें प्रभावित हुई हैं। 50 से ज्यादा उड़ानें रद्द या डायवर्ट की गई हैं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर के कई निचले इलाकों में पानी भर जाने के कारण लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जरूरी काम के बिना घर से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने भी अपने आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय कर दिया है और पानी निकासी के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। बीएमसी के कर्मचारी और अधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और जलभराव वाले क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई कर रहे हैं। इसके साथ ही, लोगों को राहत सामग्री और आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री शिंदे ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को तेजी से पूरा करें और लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाएगी। लोगों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
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